आखिरी खत | LAST LETTER KI KAHANI
इशान अपनी अलमारी के ऊपरी हिस्से में एक पुरानी किताब ढूंढ रहा था। किताबों के बीच एक पुरानी डायरी मिली, जिसे उसने कॉलेज के दिनों में इस्तेमाल किया था। वह डायरी के पन्ने पलटने लगा, जैसे अतीत में लौट रहा हो। तभी एक हल्के पीले रंग का लिफाफा डायरी के बीच से गिरा। इशान ने उसे उठाया और देखा कि यह रितिका का लिखा हुआ खत (desikahani) था।
खत देखकर इशान की आंखें चमक उठीं। रितिका, उसकी कॉलेज की दोस्त, उसकी पहली और सच्ची मोहब्बत थी। दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब थे। उन्होंने साथ में कॉलेज के वो सुनहरे दिन बिताए थे, जहां उन्होंने प्यार के बीज बोए थे। लेकिन जैसे-जैसे कॉलेज खत्म हुआ, रितिका को अपने करियर के लिए विदेश जाना पड़ा और दोनों का संपर्क धीरे-धीरे कम हो गया। LAST LETTER KI KAHANI
इशान ने लिफाफे को खोला और खत पढ़ना शुरू किया:
प्रिय इशान,
मुझे नहीं पता कि जब तुम यह खत पढ़ोगे तो तुम क्या महसूस करोगे। शायद तब तक मैं बहुत दूर जा चुकी होऊँगी। लेकिन मैं तुमसे ये सब कहे बिना जा नहीं सकती। तुम्हारे बिना ज़िन्दगी की कल्पना करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है। हम दोनों के बीच जो रिश्ता है, वह मेरे लिए बहुत खास है। लेकिन मुझे अपनी जिंदगी में एक बड़ा कदम उठाना है, और इसके लिए मुझे तुमसे दूर जाना पड़ेगा।*
मुझे पता है कि मैंने कभी अपने दिल की बात तुमसे पूरी तरह से नहीं कही, लेकिन अब समय आ गया है कि मैं तुम्हें बता दूं कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ। तुम्हारे साथ बिताए हुए हर पल ने मुझे कुछ नया सिखाया, और मुझे एहसास दिलाया कि प्यार क्या होता है। मुझे डर है कि जब मैं यहां से चली जाऊंगी, तो हम शायद फिर कभी नहीं मिलेंगे। लेकिन मैं चाहती हूँ कि तुम जानो, मैंने हमेशा तुम्हें पूरे दिल से चाहा है।
तुम्हारी,
रितिका
इशान ने खत पढ़ते ही एक गहरी सांस ली। उसकी आंखों में नमी आ गई। वह खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसके मन में अनगिनत सवाल उठने लगे थे। उसने कभी ये खत देखा ही नहीं था, और न ही उसे रितिका के प्यार का अंदाज़ा था।
उसका मन अब अतीत (desikahani) में जा चुका था। उसे याद आया कि रितिका कितनी उत्साहित रहती थी, जब उसने विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप पाई थी। उस समय, इशान ने उसे सपोर्ट किया था और उसे जाने के लिए कहा था, लेकिन अब उसे एहसास हो रहा था कि उसने कभी अपनी भावनाओं को पूरी तरह से रितिका के सामने जाहिर ही नहीं किया था।
वो सोचने लगा कि अगर उसने रितिका को रोकने की कोशिश की होती, अगर उसने अपने दिल की बात पहले कही होती, तो शायद चीजें अलग होतीं। LAST LETTER DESI KAHANI
खत ने इशान के दिल में एक नई हलचल पैदा कर दी। वह रितिका को खो देने के दर्द को महसूस कर रहा था। उसके मन में सवाल था – क्या उनका प्यार हमेशा अधूरा ही रहेगा? क्या वो फिर कभी मिल पाएंगे?
इशान ने अपने फोन में रितिका का नंबर ढूंढा, लेकिन वह अब काम नहीं कर रहा था। उसने सोशल मीडिया पर उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली।
दिन गुज़रते गए, और इशान के मन में रितिका की यादें और भी गहरी होती गईं। हर रोज़ वो खत पढ़ता, मानो उससे रितिका की मौजूदगी का एहसास (desikahani) हो रहा हो।
वो आखिरी खत उसकी ज़िन्दगी में एक ऐसा मोड़ लेकर आया था, जिसने उसे ये सिखाया कि कभी-कभी प्यार वक्त के हाथों अधूरा रह जाता है। इशान ने अब रितिका को ढूंढने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन उसके दिल में एक खास जगह हमेशा के लिए रितिका के नाम की रही।
समाप्ति:
इशान को वो खत कभी नहीं मिला जब रितिका ने उसे लिखा था, और जब वह मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनकी मोहब्बत अधूरी रह गई, पर उस आखिरी खत ने उनकी भावनाओं को हमेशा के लिए एक नई पहचान दे दी। LAST LETTER DESI KAHANI
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