बेताब दिल | BETAAB DIL KI KAHANI

बेताब दिल | BETAAB DIL KI KAHANI

मीरा ने अपने लंबे, रेशमी काले बालों को कंधे पर बिखेरा और हल्के हाथों से अपनी आंखों में काजल लगाया। आज की शाम उसके लिए खास थी। आदर्श के साथ उसकी पहली डेट थी, एक ऐसा शख्स जिसने उसके जीवन में हाल ही में दस्तक दी थी। आदर्श का स्वभाव मीरा को भाने लगा था—उसकी साफ-सुथरी भावनाएं, खुला दिल और मुस्कुराहट (desikahani) में छिपी सच्चाई। लेकिन इस सब के बावजूद, मीरा के दिल में कहीं गहराई में करण के लिए धड़कनें अब भी मचल रही थीं।

करण और मीरा ने एक ही ऑफिस में साथ काम किया था। पिछले दो सालों में, दोनों के बीच अनकहे रिश्ते की एक गहरी डोर बंध गई थी। करण हर वक्त मीरा के करीब रहता, उसके साथ हर छोटी-छोटी बातें साझा करता। मगर उसके दिल की बात कभी होठों तक नहीं आ पाई। करण और मीरा की मुलाकातों में दोस्ती की वो मिठास थी, जिसने दोनों के दिलों को धीरे-धीरे करीब लाने का काम किया।  

करण मीरा को उसकी आदतों से जानने लगा था—वह कैसे गुस्से में अपनी नाक सिकोड़ती, और खुशी में उसकी आंखें किस तरह चमक उठती थीं। मीरा जब भी हंसती, करण का दिल उसकी हंसी में खो जाता। मगर, इन सबके बीच करण का अपने दिल की बात कहने की हिम्मत कभी नहीं जुट पाई। वह हमेशा अपने अंदर ही घुटता रहता था। BETAAB DIL DESI KAHANI

एक शाम, जब ऑफिस के बाद दोनों घर लौट रहे थे, अचानक बारिश शुरू हो गई। सड़कें पानी से भर गईं, और मीरा और करण को मजबूरन एक छोटी सी दुकान में रुकना पड़ा। मीरा के बाल गीले हो चुके थे, उसके चेहरे से पानी की बूंदें टपक रही थीं। उसकी सांसें (desikahani) तेज थीं, और उसकी आंखों में थोड़ी बेचैनी दिख रही थी। करण ने उसकी ओर देखा, उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। उसने बहुत कोशिश की कि कुछ कह सके, लेकिन जैसे हर बार, उसके होंठों पर शब्द आकर रुक गए। 

उस रात के बाद, मीरा की ज़िन्दगी में आदर्श आ गया। एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में दोनों की मुलाकात हुई। आदर्श मीरा को पहली नजर में ही पसंद करने लगा था। वह बेझिझक अपने दिल की बात कहने वाला इंसान था। उसने मीरा को किसी अनजान उलझन से निकालकर उसे अपने खुलकर प्यार करने के अंदाज़ से छू लिया। मीरा को आदर्श का ये बर्ताव अच्छा लगने लगा था। आदर्श का प्यार साफ, खुला और बिना किसी इंतजार के था। वह मीरा की छोटी-छोटी खुशियों का ख्याल रखता, उसे हर रोज़ हंसाता और जिंदगी के अच्छे पल दिखाने की कोशिश करता।

लेकिन आदर्श के साथ इस नये रिश्ते में भी, मीरा के दिल में करण के लिए एक अनजानी बेचैनी थी। जब भी करण उसके पास आता, उसे एक अजीब सी बेचैनी महसूस होती, एक पुरानी धड़कन जो अब भी कहीं दबकर जिंदा थी। यह भावना उसकी जिंदगी को उलझाए रखती थी—एक तरफ आदर्श का निश्छल प्यार, और दूसरी तरफ करण के साथ बिताए हुए वो पल, जो उसके दिल में अभी तक छिपे हुए थे।

एक दिन लंच ब्रेक के दौरान, करण और मीरा ऑफिस की छत पर अकेले खड़े थे। हवा में हल्की सी ठंडक थी, और आसमान में बादल घिरे हुए थे। करण, जो हमेशा मीरा से बातें किया करता था, उस दिन कुछ चुप-सा था। BETAAB DIL DESI KAHANI

आखिरकार, उसने धीमी आवाज में पूछा, “तुम खुश हो?” 

उसकी आवाज में छिपे दर्द को मीरा ने तुरंत महसूस किया। उसने करण की आंखों में देखा। वहां एक अनकहा प्यार था, जो कभी ज़ुबान पर नहीं आया था, मगर आंखों में साफ झलक रहा था।

मीरा ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, “काश, तुमने कभी कुछ कहा होता।” उसकी आंखें नम हो चुकी थीं, और दिल में पुरानी यादों का दर्द फिर से उमड़ने लगा था। BETAAB DIL DESI KAHANI

करण ने उसकी तरफ देखा और उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया। दोनों के बीच की दूरी उस एक पल में खत्म हो चुकी थी। उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं, और दोनों के दिलों में एक ही सवाल था—क्या होता अगर करण ने पहले अपने दिल की बात कही होती?

करण ने बहुत कोशिश की, कुछ कहने के लिए। “मैं…,” उसने कहना चाहा, पर शब्द फिर से उसके गले में अटक गए। 

मीरा ने अपना हाथ धीरे से छुड़ा लिया। उसकी आंखों में अब एक ठहराव था। “बहुत देर हो चुकी है,” उसने धीरे से कहा और वहां से चली गई।

आज की रात, मीरा आदर्श के साथ डिनर (desikahani) पर जा रही थी। उसे पता था कि आदर्श उसे प्रपोज़ करने वाला है। आदर्श के साथ एक नया भविष्य उसकी आंखों के सामने था, लेकिन करण के साथ बिताए गए वो पुराने पल, उसके दिल में अब भी ताजा थे। 

मीरा ने एक गहरी सांस ली, अपनी चूड़ियां पहनीं, और तैयार होकर बाहर निकली। उसके होंठों पर मुस्कान थी, लेकिन आंखों में एक अधूरी कहानी की छाया थी। BETAAB DIL DESI KAHANI

उसके दिल में एक तूफान मचा हुआ था—आदर्श के खुले और सच्चे प्यार के बीच, और करण के साथ बिताए गए उन अनमोल पलों के बीच। आज रात, मीरा को अपने दिल की सुननी थी। प्यार कभी आसान नहीं होता, और हर प्यार की एक मंजिल होती है। लेकिन कभी-कभी, हमें अपने दिल की आवाज को सुनकर उस रास्ते पर चलना पड़ता है, जिसे हमें हमेशा के लिए चुनना होगा। 

वो जानती थी कि इस रात को उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लिया जाएगा, लेकिन उसकी कहानी का अंत अभी भी अनिश्चित था।

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