चित्र और लव | LOVE PAINTING DESI KAHANI
मुंबई जैसे बड़े और व्यस्त शहर में, दिन की शुरुआत हमेशा हलचल और भागदौड़ से होती थी। सुमन, जो एक बड़ी कंपनी में सीनियर मैनेजर थी, अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट की तैयारियों में लगी थी। अगले हफ्ते उनकी कंपनी का एक बड़ा इवेंट था, जहां शहर के जाने-माने उद्योगपतियों और मीडिया का जमावड़ा होने वाला था।
सुमन ने पूरी टीम को काम में झोंक दिया था ताकि कुछ भी गलत न हो। वो अपने बॉस से एक बढ़िया प्रमोशन की उम्मीद कर रही थी और इस इवेंट की सफलता उसके करियर के लिए बेहद जरूरी थी। LOVE PAINTING DESI KAHANI
एक दिन, जब सुमन अपनी गाड़ी से इवेंट स्थल की ओर जा रही थी, उसकी नज़र एक बड़ी दीवार पर पड़ी। वहां एक अद्भुत लेकिन बेहद रंगीन चित्र बनाया जा रहा था। एक युवा लड़का, जिसके बाल बिखरे थे और कपड़े साधारण थे, उस दीवार पर तन्मयता से पेंट कर रहा था। यह चित्र उनके इवेंट स्थल के ठीक सामने था और सुमन को यह बिलकुल पसंद नहीं आया।
गुस्से में भरी सुमन ने गाड़ी रोकी और सीधे उस लड़के के पास पहुंच गई। “ये क्या कर रहे हो तुम? तुम्हें पता है यहाँ इस तरह की चित्रकारी से हमारी कंपनी के इवेंट का माहौल खराब हो जाएगा?” सुमन ने कड़क आवाज़ में कहा।
LOVE PAINTING DESI KAHANI : उस लड़के ने धीरे से उसकी तरफ देखा और मुस्कराते हुए बोला, “मेरा नाम आर्यन है, और मैं एक कलाकार हूँ। यह मेरा काम है, मैं शहर की दीवारों को खूबसूरत बनाता हूँ। आपको अगर यह पसंद नहीं आ रहा, तो माफ कीजिए, पर मैं इसे अधूरा नहीं छोड़ सकता।”
सुमन का गुस्सा और बढ़ गया। “तुम्हारे इस बेतुके चित्र के कारण हमारे मेहमानों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसे हटाओ अभी!”
आर्यन ने हंसते हुए कहा, “आपको इसे एक बार ध्यान से देखना चाहिए, शायद ये आपको भी अच्छा लगे। शहर की खूबसूरती छुपी नहीं रहनी चाहिए।”
सुमन ने गुस्से से पलटकर अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने की कोशिश की, लेकिन आर्यन की बातों में कुछ ऐसा था जो उसे ठहरने पर मजबूर कर गया। उसने एक बार उस चित्र को ध्यान से देखा। सच में, चित्र काफी खूबसूरत था। उसमें शहर की ज़िन्दगी की झलक थी, हर रंग के साथ एक कहानी।
LOVE PAINTING DESI KAHANI : सुमन थोड़ी असमंजस में पड़ गई। आर्यन के प्रति उसका गुस्सा अब थोड़ा कम हो चुका था। उसने धीमे स्वर में कहा, “ठीक है, लेकिन तुम इसे इवेंट के बाद हटाना होगा।”
आर्यन ने मुस्कराते हुए सिर हिलाया। “मैं आपको इस शहर की असली खूबसूरती दिखाऊंगा,” उसने कहा।
इस घटना के बाद, सुमन का ध्यान बार-बार आर्यन और उसके चित्र की तरफ जाता रहा। कुछ दिनों बाद, इवेंट की रात, सब कुछ वैसे ही हुआ जैसा सुमन चाहती थी। लेकिन उसकी सोच अब बदल चुकी थी। आर्यन का कला के प्रति समर्पण और उसकी मासूमियत ने सुमन को प्रभावित किया था।
इवेंट के अगले दिन, सुमन ने फिर आर्यन को उसी जगह पर देखा। इस बार, उसने उसके पास जाकर उसकी कला की तारीफ की। आर्यन ने उसे शहर के कुछ और जगहें दिखाने का प्रस्ताव दिया, जहाँ उसकी कला बिखरी हुई थी। सुमन ने आश्चर्यचकित होते हुए हामी भर दी।
वो दोनों शहर के अलग-अलग कोनों में गए। छोटी-छोटी गलियों में, पुरानी इमारतों की दीवारों पर आर्यन की कला की छाप थी। हर दीवार, हर चित्र में एक नयी कहानी थी, और सुमन को इस शहर की खूबसूरती का एहसास होने लगा। desikahani
आर्यन का साधारण स्वभाव, उसकी कला के प्रति प्यार, और शहर के प्रति उसका जुड़ाव, सुमन को उसके और करीब ले आया। धीरे-धीरे, उनके बीच की नोक-झोंक एक मीठी मुस्कान और एक अनकही समझ में बदल गई।
सुमन और आर्यन अब हर शाम शहर के किसी नए कोने में समय बिताते। जहाँ कभी कॉर्पोरेट दुनिया के बड़े सपने सुमन के लिए महत्वपूर्ण थे, अब उसे इस शहर की छोटी-छोटी चीज़ों में असली खुशी महसूस होने लगी थी।
वो एक-दूसरे के साथ घूमते, हंसते और एक नयी दुनिया का हिस्सा बनते चले गए। दोनों के बीच जो आकर्षण पनपा था, वो अब किसी शब्दों का मोहताज नहीं था।
इस तरह, एक व्यस्त शहर की भागदौड़ और एक मामूली बहस ने सुमन और आर्यन को एक ऐसी राह पर ला खड़ा किया, जहाँ कला और प्रेम दोनों ने अपने रंग बिखेर दिए थे।
अंत:
सुमन और आर्यन का प्यार अब शहर की दीवारों पर (desikahani) चित्रित हो चुका था, एक ऐसी कहानी के रूप में, जो हमेशा के लिए दिलों में बसी रहेगी।
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